Rumored Buzz on Shiv chaisa
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सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
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नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन shiv chalisa in hindi क्षयकारी॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥